मुख्यपृष्ठSHAYARI शायरी बागे मोहब्बत मे byWriter S.K. -जुलाई 19, 2022 0 बागे मोहब्बत में फूलों के नजारे और भी हैं मेरी डूबती हुई कश्ती के सहारे और भी हैं तू चाँद का टुकड़ा है तो क्या हुआ। बहारे हुस्न की महफ़िल में सितारे और भी हैं। Tags SHAYARI Facebook Twitter